Tuesday 31 October 2017

मुंबई से अहमदाबाद रेलवे में 40 प्रतिशत से अधिक सीटस् रिक्त

मुंबई से अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के लिए 1 लाख करोड़ खर्च करने के लिए बेताब मोदी सरकार ने वर्तमान मर मुंबई से अहमदाबाद चलनेवाली गाड़ियों का अध्ययन शायद नहीं किया हैं। मुंबई से अहमदाबाद रेलवे में गत  3 महीने में 40 प्रतिशत वहीं अहमदाबाद से मुंबई 44 प्रतिशत सीट्स रिक्त होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को पश्चिम रेलवे ने दी हैं। इन 3 महीनों में पश्चिम रेलवे को 29.91 करोड़ के राजस्व पर पानी फेरना पड़ा हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने पश्चिम रेलवे से मुंबई से अहमदाबाद और अहमदाबाद से मुंबई ऐसे 3 महीने की विभिन्न जानकारी मांगी थी। पश्चिम रेलवे के मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक मनजीत सिंह ने अनिल गलगली को 1 जुलाई 2017 से 30 सितंबर 2017 तक की जानकारी दी। इसमें मुंबई से अहमदाबाद ऐसे 30 मेल एक्सप्रेस से 4,41,795 यात्रियों ने यात्रा की जबकि  7,35,630 सीट्स थी। कुल राजस्व रुपए 44,29,08,220 /- आना अपेक्षित था जबकि रुपए 30,16,24,623/- इतना ही राजस्व प्राप्त हुआ। रुपए 14,12,83,597/- इतना आर्थिक घाटा हुआ हैं। अहमदाबाद से मुंबई के दौरान 31 मेल एक्सप्रेस की सुविधा हैं जिससे 3,98,002 यात्रियों ने यात्रा की जबकि असल मे 7,06,446 सीट्स थी। रुपए 15,78,54,489/- इतना आर्थिक घाटा सहन करनेवाली पश्चिम रेलवे को 42,53,11,471 इतना राजस्व आना अपेक्षित था लेकिन सिर्फ रुपए 26,74,56,982/- इतना राजस्व प्राप्त हुआ हैं।

इसमें दुरोतों, शताब्दी, गुजरात मेल,भावनगर, सौराष्ट्र, विवेक, भुज, लोकशक्ती जैसे गाड़ियों का समावेश हैं। अहमदाबाद मंडल प्रबंधक ने अनिल गलगली को बताया कि अहमदाबाद के लिए नई गाड़ी का कोई भी प्रस्ताव उन्हें प्राप्त नहीं हुआ हैं। 12009 शताब्दी जो कार चेअर के लिए प्रसिद्ध हैं उसमें अहमदाबाद के लिए यात्रा के दौरान 72,696 सीट में से सिर्फ 36117 यात्रियों ने यात्रा की और रुपए 7,20,82,948 के बजाय सिर्फ रुपए 4,11,23,086 इतनी ही कमाई हुई वहीं Executive चेअर के लिए 8,216 में से 3,468 सीटस पर यात्री थे।  रुपए 1,63,57,898 की कमाई के बजाय रुपए 64,14,345 इतनी कमाई हुई हैं। अहमदाबाद से मुंबई की ओर आने के लिए 12010 इस शताब्दी में 67,392 में से 22,982 सीट्स पर यात्रियों ने यात्रा की और रुपए 6,39,08,988 के बजाय रुपए 2,51,41,322 इतनी ही  कमाई हुई हैं। वहीं  Executive चेअर के लिए 7505 में से सिर्फ 1469 सीट्स पर ही यात्रियों ने यात्रा की जिससे रेलवे को रुपए 1,45,49,714 के बजाय रुपए 26,41,083 का राजस्व प्राप्त हुआ। सभी गाड़ियों की स्थिती समान हैं और सबसे अधिक मांग स्लीपर क्लास के लिए होते हुए रेलवे मंत्रालय ने इसपर कभी भी गंभीरता से गौर नहीं फ़रमाया हैं।

अनिल गलगली के अनुसार अहमदाबाद के लिए जाने के लिए सबसे अधिक भीड़ यह स्लीपर क्लास के लिए है। महंगी टिकट के चलते इन गाड़ियों की सीट्स शत प्रतिशत कभी भी आरक्षित नहीं होती हैं। केंद्र और राज्य सरकार सहित रेल्वद मंत्रालय ने इसपर अध्ययन करने के बजाय बुलेट ट्रेन का चयनित किया हुआ विकल्प आम लोगों के लिए सुविधाजनक नहीं हैं।

मुंबई ते अहमदाबाद रेल्वेत 40 टक्क्यांहून अधिक सीटस् रिकाम्या

मुंबई ते अहमदाबाद बुलेट ट्रेनसाठी 1 लाख कोटी खर्च करण्यासाठी उत्सुक मोदी सरकारने सद्यस्थितीतील मुंबई ते अहमदाबाद रेल्वे गाड्यांचा अभ्यास केला नसून मुंबई ते अहमदाबाद रेल्वेत गेल्या 3 महिन्यात 40 टक्के तर अहमदाबाद ते मुंबई 44 टक्के सीट्स रिकाम्या असल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस पश्चिम रेल्वेने दिली आहे. या 3 महिन्यात पश्चिम रेल्वेस 29.91 कोटीच्या महसूलावर पाणी सोडावे लागले आहे.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी पश्चिम रेल्वेकडे मुंबई ते अहमदाबाद आणि अहमदाबाद ते मुंबई अश्या 3 महिन्याची विविध माहिती मागितली होती. पश्चिम रेल्वेचे मुख्य वाणिज्यिक व्यवस्थापक मनजीत सिंह यांनी अनिल गलगली यांस 1 जुलै 2017 पासून 30 सप्टेंबर 2017 पर्यंतची माहिती दिली. यात मुंबई ते अहमदाबाद अश्या 30 मेल एक्सप्रेसने 4,41,795 प्रवाश्यानी प्रवास केला प्रत्यक्षात 7,35,630 सीट्स होत्या.एकूण महसूल रुपये 44,29,08,220 /- येणे अपेक्षित असताना प्रत्यक्षात रुपये 30,16,24,623/- महसूल प्राप्त झाला. रुपये 14,12,83,597 इतके आर्थिक नुकसान सहन करावे लागले आहे. तर अहमदाबाद ते मुंबई दरम्यान 31 मेल एक्सप्रेसची सुविधा असून 3,98,002 प्रवाश्यानी प्रवास केला असून प्रत्यक्षात 7,06,446 सीट्स होत्या. रुपये 15,78,54,489/- इतके आर्थिक नुकसान सहन 

करणा-या पश्चिम रेल्वेस रुपये 42,53,11,471 इतका महसूल अपेक्षित होता पण फक्त रुपये 26,74,56,982/- इतका महसूल प्राप्त झाला.

यात दुरोतों, शताब्दी, गुजरात मेल,भावनगर, सौराष्ट्र, विवेक, भुज, लोकशक्ती सारख्या गाड्यांचा समावेश आहे. अहमदाबाद मंडळ अभियंताने अनिल गलगली यांस कळविले की अहमदाबाद साठी नवीन गाडीचा कोणताही प्रस्ताव त्यांस प्राप्त झाला नाही. 12009 शताब्दी ज्या कार चेअर साठी प्रसिद्ध आहे त्यात अहमदाबाद येथे जाताना 72,696 पैकी फक्त 36117 प्रत्यक्ष प्रवासी लाभले आणि रुपये 7,20,82,948 ऐवजी फक्त रुपये 4,11,23,086 इतकीच कमाई झाली तर Executive चेअरच्या 8,216 पैकी 3,468 सीटसवर प्रवासी होते. रुपये 1,63,57,898 ऐवजी रुपये 64,14,345 कमाई झाली. अहमदाबाद येथून मुंबईकडे परतताना 12010 या शताब्दीमध्ये 67,392 पैकी 22,982 सीट्स वर प्रवाश्यानी प्रवास केला आणि रुपये 6,39,08,988 ऐवजी रुपये 2,51,41,322 इतकीच कमाई झाली. तर Executive चेअरच्या 7505 पैकी फक्त 1469 सीट्स वर प्रवासी होते ज्यांच्याकडून रेल्वेस रुपये 1,45,49,714 ऐवजी रुपये 26,41,083 महसूल प्राप्त झाला.  सर्व गाड्यांची स्थिती समान असून सर्वाधिक मागणी स्लीपर क्लाससाठी असताना त्याचा रेल्वे मंत्रालय गांभीर्याने विचार करत नाही.

अनिल गलगली यांच्या मते अहमदाबाद येथे जाण्यासाठी सर्वाधिक गर्दी ही स्लीपर क्लास असून महाग तिकिटे असलेल्या गाड्यातील सीट्स शत प्रतिशत कधीच भरल्या जात नाही. केंद्र आणि राज्य सरकार सोबत रेल्वे मंत्रालयाने या बाबीचा अभ्यास करण्याऐवजी बुलेट ट्रेन हा निवडलेला पर्याय सर्व सामान्य जनतेसाठी सोयीस्कर नाही. 

More than 40% seats of the Railways on the Mumbai- Ahmedabad route go vacant

The Modi government which is over enthusiastic to spend more than Rs One Lakh Crores for running Bullet Train between Mumbai and Ahmedabad, seems to have not done it's homework properly. In the past 3 months there has been 40% empty seats on the Mumbai to Ahmedabad route and 44% empty seats on the Ahmedabad to Mumbai route. This information is obtained on the basis of response by the Railway to a RTI query filed by RTI Activist Anil Galgali. The accumulated loss for the past 3 months is Rs 29.91 crores.

RTI Activist Anil Galgali had sought various information from the Western Railway about the seat occupancy on all the trains running between Mumbai and Ahmedabad to and fro for the past three months. The Cheif Commercial Manager of the Western Railway, Shri Manjeet Singh provided the information to Galgali pertaining to period from 1st July 2017 to 30th September 2017 . As per the information, on the 32 Mail / Express trains running from Mumbai to Ahmedabad, out of the 7,35,630 seats on all the trains, only 4,41,795 seats got booked, generating a revenue of Rs 30,16,24,623/- out of the total expected revenue of Rs 44,29,08,220/-, incurring a loss to the tune of Rs 14,12,83,597/- in just 3 months. On the Ahmedabad to Mumbai route a total of 31 Mail / Express trains are running on which 3,98,002 passengers travelled on the route on which the total capacity was 7,06,446 seats. This route accumulated a loss of Rs 15,78,54,489/- as it could generate a revenue of only Rs 26,74,56,982/- as against the expected capacity of Rs 42,53,11,471/- .

The trains running on the route such as Duranto, Shatabdi, Gujrat Mail, Bhavnagar, Saurashtra, Vivek, Bhuj, Lokshakti are included in the data provided. The Ahmedabad Division Engineer informed Galgali that, there is no fresh proposal for any new train on this route with them. The 12009 Shatabdi is the most famous and favourite train for Chair Car service. This train enroute to Ahmedabad had the capacity for 72,696 seats out of which it managed to sell only 36,117 seats. Of the total expected revenue of Rs 7,20,82,948/- it could garner only Rs 4,11,23,086/- . The Executive Chair Car consisted of 8216 seats , whereas only 3468 could be sold garnering a revenue of just Rs 64,14,345/- out of the total expected capacity of Rs 1,63,57,898/- The Shatabdi's 12010 Ahmedabad-Mumbai route story is no different. Out of the total 67,392 seats, only 22,982 seats got sold and revenue received was Rs 2,51,41,322 in place of total expectations of 6,39,08,988/-. In the case of Executive Chair Car only 1469 seats were booked out of 7505 available seats. The revenue generation was Rs 26,41,083/- instead of 1,45,49,714/-. The position in all the other trains are more or less the same. The maximum demand for seats on this route is for sleeper class seats, for which the Railways is not paying any attention to augment the capacity. 

In a statement, Anil Galgali has expressed that, the maximum load of passengers on the Mumbai Ahmedabad route is for sleeper class seats and the it can be seen that the Upper Class seats are going vacant and the occupancy ratio is very poor. The Railway Ministry and the state government should study the scenario, the Bullet Train option selected by the Central Govt is not a viable option financially as well as from the point of view of the common man.

Wednesday 25 October 2017

अमिताभ बच्चन के अवैध निर्माण को एमआरटीपी की नोटीस

महान अभिनेता अमिताभ बच्चन के अवैध निर्माण को मनपा ने एमआरटीपी की नोटीस जारी करने के बाद बच्चन के आर्किटेक्ट ने इमारत प्रस्ताव विभाग के पास पेश किया संशोधित प्लान भी  नामंजूर करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को  मनपा ने उपलब्ध कराए दस्तावेजों से सामने आ रही हैं। असल मे जिस शीघ्रता से मनपा गरीबों के घरों पर बुलडोजर चलाती हैं उसी तर्ज पर अमिताभ और अन्य बड़े अवैध निर्माणकर्ताओं पर कार्रवाई करने की मांग हो रहीं हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मनपा के पी दक्षिण कार्यालय से अमिताभ बच्चन और अन्य लोगों को एमआरटीपी अंतर्गत जारी की नोटीस की जानकारी मांगी थी। पी दक्षिण मनपा कार्यालय ने अनिल गलगली को अमिताभ बच्चन, राजकुमार हिराणी, ओबेरॉय रियालिटी, पंकज बलानी, हरेश खंडेलवाल, संजय व्यास, हरेश जगतानी ऐसे 7 लोगों को मंजूर प्लान नुसार जांच में पाई अनियमितता को पूर्ववत करने के लिए एमआरटीपी की नोटीस 7 दिसंबर 2016 को जारी की। नोटीस जारी करने के पहले पी दक्षिण विभाग ने किए गोरेगाव पूर्व , ओबेरॉय सेवन स्थित स्थान जांच में  विंग क्र. 2, 3, 5 और 6 का इस्तेमाल न होने और ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट के सर्च मंजूर प्लान के मुताबिक भीतरी निर्माण न करना, लिफ्ट न बिठाना, कोई भी भीतरी काम जैसे ग्राउंड और सीढ़ियों को टाईल न बिठाना, दीवार के अंदर से निरु/सिमेंट का आच्छादन न होना, सीढ़ियों को सुरक्षा जाली न बिठाना / कार्नर दीवार का निर्माण न करना, निर्माण के दौरान इलेवेशन प्रोजेक्शन स्लॅब लेव्हेल से न बनाना औए बाहरी दिशा से  खिडकी लगाकर उसे अंदर करना, बेसमेंट का निर्माण मंजूर प्लान के मुताबिक न होने जैसी अनियमितता जांच में पाई गई हैं। 

एमआरटीपी की नोटीस के बाद आर्किटेक्ट शशांक कोकील ने 5 जनवरी 2017 को पेश किया प्रस्ताव 17 मार्च 2017 को इमारत व प्रस्ताव विभाग ने नामंजुर किया। इसको लेकर इमारत व प्रस्ताव विभाग ने 11 अप्रैल 2017 को पी दक्षिण कार्यालय को अधिकृत तौर पर जानकारी देते ही 6 मई 2017 को पी दक्षिण कार्यालय ने अंतिम आदेश जारी करते हुए अवैध निर्माण स्वयं से निकालने की हिदायत दी। इसके बाद आर्किटेक्ट शशांक कोकील ने दोबारा प्रस्ताव पेश किया। 12 सितंबर 2017 को पुनश्च पी दक्षिण कार्यालय ने इमारत व प्रस्ताव विभाग को पत्र भेजकर अपरोक्ष तौर पर आरोप लगाया कि निर्माण के नियमितकरण को लेकर सही जानकारी दे क्योंकि इसके चलते उनके कार्यालय को एमआरटीपी कानून के तहत आगे की कार्रवाई करना संभव नहीं हैं। 

अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मनपा आयुक्त अजोय मेहता को पत्र भेजकर ताबडतोब एमआरटीपी कानून के तहत कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण को तोड़ने की मांग की हैं। एड राजेश दाभोलकर ने भी पी दक्षिण विभाग की सहायक आयुक्त को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की हैं। इमारत प्रस्ताव विभाग के कुछ अधिकारी इस अवैध निर्माण को अधिकृत करने के प्रयास में होने से ही बारबार आर्किटेक्ट का प्रस्ताव नामंजूर होने के बाद पुनश्च मौका दे रहे हैं, ऐसे अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की जा रही हैं।

रिलायन्स वीज कंपनीच्या विरोधात लाक्षणिक उपोषण

उद्योगपति अनिल अंबानी यांच्या रिलायन्स एनर्जी लिमिटेडतर्फे वर्षानुवर्षे कंत्राट कामगारांची पिळवणुक करणे आणि अन्य मागण्यासाठी अखिल भारतीय कामगार उत्कर्ष संघातर्फे बुधवारी सांताक्रूझ पूर्व येथील रिलायन्स एनर्जीच्या मुख्यालयासमोर एक दिवसीय लाक्षणिक उपोषण करण्यात आले. यावेळी असंख्य कामगारांनी भाग घेत कंपनीचा निषेध केला.

सांताक्रूझ पूर्व येथील रिलायन्स एनर्जीच्या मुख्यालयासमोर मौलाना अबुल कलाम आझाद सभागृहात एक दिवसीय लाक्षणिक उपोषण करण्यात आले. संघाचे अध्यक्ष एड राजेश दाभोळकर यांनी कंपनीत सुरु असलेला भ्रष्टाचार आणि अनियमिततेवर प्रकाश टाकत आऊटसोर्सिंग बंद करणे, कंत्राटी कामगारांना कायम करणे, मृतक कामगारांच्या कुटुंबातील सदस्यांना नोकरी देणे आणि 25 टक्के बोनस देण्याची मागणी केली. 

प्रमुख मार्गदर्शक आणि आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी रिलायन्स  एनर्जी आणि रिलायन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर हा घोळ म्हणजे रिलायन्स कंपनीचा फर्जीवाडा असल्याचा आरोप केला. जनरेशन, डिस्ट्रीब्युशन आणि कलेक्शन असे 3 खाते न उघडता एकाच खात्यावर रिलायन्स काम करत आहे. कंपनी विकण्याचा डाव हा कामगार आणि लाखों ग्राहकांच्या हिताच्या दृष्टिकोनातून अहितकारक आहे. अनिल गलगली यांनी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आणि ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे यांस आवाहन केले की वेळीच नियंत्रण नाही केले तर रिलायन्स कंपनी विकून टाकतील. 

यावेळी आनंदराव कलिगोटा, संदीप सिंह, विनायक त्रिकाळ, नितीन भालेराव, राजू मांडवकर, कुणाल संगोई, प्रवीण पवार, अतुल पवार, विकी शिर्के, शैलेश पाटील, विवेका दाभोळकर, प्रसाद अभ्यंकर, प्रकाश गावडे, रमेश सुखा, सहदेव परब आदी उपस्थित होते.

रिलायन्स बिजली कंपनी के खिलाफ अनशन

उद्योगपति अनिल अंबानी की रिलायन्स एनर्जी लिमिटेड द्वारा सालों साल से ठेके पर काम करनेवाले मजदूरों का शोषण रोके और अन्य मांग को लेकर अखिल भारतीय कामगार उत्कर्ष संघ द्वारा बुधवार को सांताक्रूझ पूर्व स्थित रिलायन्स एनर्जी के मुख्यालय के सामने एक दिवसीय लाक्षणिक अनशन किया गया। इस अनशन में मजदूरों ने भी हिस्सा लिया। 

सांताक्रूझ पूर्व के रिलायन्स एनर्जी के मुख्यालय के सामने मौलाना अबुल कलाम आझाद सभागृह में एक दिवसीय लाक्षणिक अनशन किया गया। संघ के अध्यक्ष एड राजेश दाभोलकर ने कंपनी में व्याप्त भ्रष्टाचार और धांधली पर प्रकाश डालते हुए आऊटसोर्सिंग बंद करना, ठेके पर कार्यरत मजदूरों को परमानेंट करना, मृतक मजदूरों के पारिवारिक सदस्यों को नोकरी देना और  25 प्रतिशत बोनस देने की मांग की।  

प्रमुख मार्गदर्शक और आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने रिलायन्स  एनर्जी और रिलायन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर यह धांधली यानी रिलायन्स कंपनी का फर्जीवाडा होने का आरोप लगाया। जनरेशन, डिस्ट्रीब्युशन और कलेक्शन ऐसे 3 अकाउंट खोले बिना एक ही अकाउंट पर रिलायन्स काम कर रही हैं। कंपनी बेचने की साजिश यह हजारों मजदूर और लाखों उपभोक्ताओं के दृष्टिकोन से अहितकारक हैं। अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से अपील कि समय पर नियंत्रण नहीं किया गया तो रिलायन्स कंपनी बिक जाएगी। 

इस मौके पर आनंदराव कलिगोटा, संदीप सिंह, विनायक त्रिकाल, नितीन भालेराव, राजू मांडवकर, कुणाल संगोई, प्रवीण पवार, अतुल पवार, विकी शिर्के, शैलेश पाटील, विवेका दाभोलकर, प्रसाद अभ्यंकर, प्रकाश गावडे, रमेश सुखा, सहदेव परब आदी उपस्थित थे।

MRTP notices issued to Unauthorized Construction belonging to Amitabh Bachchan

MRTP notices have been issued by MCGM on an Unauthorized Construction belonging Superstar actor Amitabh Bachchan, and the ammended plans submitted by the Architect to the Building Proposal department has also been rejected. This information can be understood from the reply and documents provided by MCGM to RTI Activist Anil Galgali. Another aspect that can be understood from the actions is that, the MCGM which is prompt in actions on violation by poor and ordinary people, seems to dither when actions have to be taken on violations by the rich and famous.

RTI Activist Anil Galgali had sought information from the P South Ward Office of the MCGM about the MRTP notices issued against Amitabh Bachchan and others. In the information provided to Galgali by The P South Ward Office informed that, notices Under MRTP have been issued to 7 persons including Amitabh Bachchan, Rajkumar Hirani, Oberoi Realty, Pankaj Balaji, Sanjay Vyas, Haresh Khandelwal , Haresh Jagtani etc on 7th December 2016,  for the variations observed in contrast of the Approved plans. Prior to issuing notice a site visit ( Oberoi Seven, Goregaon East)  was organised by the P South ward officials. During the inspection it was observed in  Wing nos 2,3,5 and 6 that they were unoccupied and the internal walls as per the approved OC plans were not in places, Lifts were not installed, No internal works like fixing of tiles on the ground floor and staircase was done, Plaster of walls was not done, No security grills on the staircase, Balcony walls not constructed, Inclusion of Elevation projection spaces into flats, Covering the open Elevation spaces by fixing the windows on elevation slabs and enclosing the spaces inside the flats. The Basement works were also not as per the approved sanctioned plans. 

On receiving the MRTP notices, the Architect Shashank Kokil submitted proposal on 5th January 2017 which was rejected by the MCGM's Building Proposal department on 17th March 2017. This rejection was conveyed to the Architect vide it's letter dt 11th April 2017 along with a copy to P south ward as information and conveying its final order to remove all the illegal construction and violation. The P South Ward Office also issued a final order Dt 6th May 2017 to themselves remove the violation and restore as per Original sanctioned plans. Thereafter the Architect Shashank Kokil resubmitted ammended plans. The P South Ward Office issued a letter on 12th September 2017 to the building proposal department, informally alleging that due to non clarity on the regularisation proposal it is becoming difficult for the Ward Office to proceed further on the actions as per the MRTP Act, hence requesting them to clarify on the matter. 

Anil Galgali in a letter addressed to CM Devendra Fadnavis and Municipal Commissioner Ajoy Mehta has demanded immediate action under the MRTP Act and carrying out the demolition of the illegal extension and enclosures. Adv Rajesh Dabholkar has also in a letter addressed to Asst Municipal Commissioner, P South Ward has demanded actions on the illegal and unauthorized violation. Galgali further demanded actions against some specific officers of the Building Proposal department who are secretly helpful to the Architect by giving chances to them to get the illegal violation regularised.

अमिताभ बच्चन यांच्या अनधिकृत बांधकामास पालिकेने बजावली एमआरटीपीची नोटीस

​महान अभिनेता अमिताभ बच्चन यांच्या अनधिकृत बांधकामास पालिकेने एमआरटीपीची नोटीस बजावली असून बच्चन यांच्या वास्तूविशारदाने इमारत प्रस्ताव खात्याकडे सादर केलेले सुधारित आराखडे नामंजूर केल्याची माहिती आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस पालिकेने उपलब्ध करुन दिलेल्या कागदपत्रांवरून समोर आली आहे. खरे पाहिले तर पालिका ज्या त्वेषाने गरिबांच्या घरांवर बुलडोजर चालविते त्याच धर्तीवर अमिताभ आणि अन्य बड्या धेंड्यावर कार्यवाही करण्याची मागणी होत आहे. 

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी पालिकेच्या पी दक्षिण कार्यालयाकडे अमिताभ बच्चन आणि अन्य यांस एमआरटीपी अंतर्गत जारी केलेली नोटीस बाबत माहिती विचारली होती. पी दक्षिण पालिका कार्यालयाने अनिल गलगली यांस अमिताभ बच्चन, राजकुमार हिराणी, ओबेरॉय रियालिटी, पंकज बलानी, हरेश खंडेलवाल, संजय व्यास, हरेश जगतानी अश्या 7 लोकांना मंजूर आराखडयानुसार आढळून आलेल्या अनियमितता पूर्ववत करण्यासाठी एमआरटीपीची नोटीस 7 डिसेंबर 2016 बजावली. नोटीस बजावण्यापूर्वी पी दक्षिण विभागाने गोरेगाव पूर्व ,ओबेरॉय सेवन येथील केलेल्या स्थळ पाहणीत विंग क्र. 2, 3, 5 आणि 6 हया वापरात नसून भोगवटा प्रमाणपत्रासोबतच्या मंजूर नकाशानुसार काही अंतर्गत भिंतीचे बांधकाम केलेले नसणे, उदवाहन लावलेली नसणे, कोणतेही अंतर्गत कामे जसे तळाला व जिण्याला टाईल न लावणे, भिंतीला आतून निरु/सिमेंटचे आच्छादन नसणे, जिन्याला सुरक्षा जाळी न लावणे/ कठडा भिंत न बांधणे, बांधकामादरम्यान इलेव्हेशन प्रोजेक्शन स्लॅब लेव्हेलला बांधणे व बाहेरच्या दिशेने खिडकी लावून आत घेणे, तळघराचे बांधकाम मंजूर नकाशाप्रमाणे नसणे या अनियमितता आढळून आलेली आहे.

एमआरटीपीची नोटीसनंतर वास्तुविशारद शशांक कोकीळ यांनी 5 जानेवारी 2017 रोजी सादर केलेला प्रस्ताव 17 मार्च 2017 रोजी इमारत व प्रस्ताव खात्याने नामंजुर केला. याबाबत इमारत व प्रस्ताव खात्याने 11 एप्रिल 2017 रोजी पी दक्षिण कार्यालयास रीतसर माहिती देताच 6 मे 2017 रोजी पी दक्षिण कार्यालयाने अंतिम आदेश जारी करत अनधिकृत बांधकाम स्वतःहुन काढण्याची तंबी दिली. यानंतर वास्तुविशारद शशांक कोकीळ यांनी दुसऱ्यादा प्रस्ताव सादर केला. 12 सप्टेंबर 2017 रोजी पुनश्च पी दक्षिण कार्यालयाने इमारत व प्रस्ताव खात्यास पत्र पाठवून अप्रत्यक्ष आरोप केला की बांधकाम नियमितकरणबाबत स्पष्टता कळवावी कारण यामुळे त्यांच्या कार्यालयास एमआरटीपी कायदा अंतर्गत पुढील कार्यवाही करण्यास शक्य होत नाही.

अनिल गलगली यांनी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आणि पालिका आयुक्त अजोय मेहता यांस पत्र पाठवून ताबडतोब एमआरटीपी कायदा अंतर्गत कार्यवाही करण्याची मागणी करत अनधिकृत बांधकामे तोडण्याची मागणी केली. एड राजेश दाभोळकर यांनी सुद्धा पी दक्षिण खात्याचे सहायक आयुक्त यांस पत्र पाठवून कार्यवाही करण्याची मागणी केली आहे. इमारत प्रस्ताव खात्यातील काही अधिकारी या अनधिकृत बांधकाम अधिकृत करण्याच्या प्रयत्नात असल्यामुळेच वारंवार वास्तुविशारदाचा प्रस्ताव नामंजूर झाल्यानंतरही पुनश्च संधी देत आहे, अश्या अधिका-यांवर कार्यवाही करण्याची मागणी केली जात आहे.

Wednesday 18 October 2017

Protest against Reliance Energy Limited company

A one day hunger strike was called upon by Akhil Bhartiya Kaamgar Utkarsh Sangh on Wednesday in front of the head quarters of Reliance Energy Limited office at Santacruz east. The purpose of this protest was to bring in notice to the  owner and Businessman Anil Ambani about the wrong working of the company policy of promoting outsourcing of works for many years impacting on the lives of thousands of workers of this company and the exploitation been faced by the workers.

Trade union President Adv. Rajesh Dabholkar highlighted some very serious and important issue such as corruption and fraud in the company, making contract  workers to be made permanent, providing job to the member of deceased family and also about giving 25% bonus to the workers.

Union Top mentor and Guides RTI activist Anil Galgali mention that Reliance Energy and Reliance Infrastructure is accused of being corrupt and fraud. And also they are doing conspiracy to sell this profit making company and endangering the lives of 12000 workers.  Galgali also appealed to Chief Minister Devendra Fadnavis and Energy Minister Chandrashekhar Bawankule to take control of the situation in proper time or else the Reliance energy company will be sold by Anil Ambani.Also he pointed that at present the company is maintaining a single account for all their earnings and expenses which is totally wrong and told that three different account to be maintained i.e. Generation, Distributions and collections.

In this protest Anandrao Kaligota, Sandeep Singh, Vinayak Trikal, Nitin Bhalerao, Raju Mandavkar, Kunal Sangoi, Pravin Pawar, Atul Pawar, Vicky Shirke, Shailesh Patil, Viveka Dabholkar, Prasad Abhyankar, Prakash Gawde, Ramesh Sukha ,Sahdev Parab etc. were present. 

Tuesday 17 October 2017

मंत्रियों के 'आधार' कार्ड की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय के पास नहीं

125 करोड़ भारतीयों को 'आधार' कार्ड अनिवार्य कर उसकी जानकारी सभी तरह की सुविधाओं से जोड़ने की अपील करनेवाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री कार्यालय के पास उनके ही मंत्रियों की 'आधार' कार्ड की जानकारी न होने का खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को उपलब्ध कराई गई जानकारी से हुआ हैं। इससे यह भी साबित हो रहा हैं कि मोदी की अपील को उनके सारे मंत्रियों ने ठेंगा दिखाया हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने प्रधानमंत्री कार्यालय से भारत के प्रधानमंत्री सहित मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने 'आधार' कार्ड की जानकारी पेश की हैं तो उन मंत्रियों के नामवाली लिस्ट मांगी थी। अनिल गलगली आवेदन मंत्रिमंडल सचिवालय, लोकसभा सचिवालय, राज्यसभा सचिवालय, सूचना व तकनीक मंत्रालय, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ऐसे 5 स्थानों पर हस्तांतरित किया गया।

प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव प्रवीण कुमार ने स्पष्ट किया कि भले ही प्रधानमंत्री के पास आधार नंबर हैं लेकिन सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा  8(1) (ञ) के तहत जानकारी देने से खारिज कर रहे हैं।इस धारा के अनुसार सूचना, जो व्यक्तिगत सूचना से संबंधित है, जिसके प्रकट करने का किसी लोक क्रियाकलाप या हित से संबंध नहीं है या जिससे व्यक्ति की एकांतता पर अनावश्यक अतिक्रमण नहीं होता है;

परंतु यह कि ऐसी सूचना प्रकट की जा सकेगी यदि यथास्थिति, सूचना अधिकार या अपील प्राधिकारी का यह समाधान हो जाता है कि ऐसी सूचना का प्रकटन विस्तृत लोक हित में न्यायोचित है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के जन सूचना अधिकारी अशोक कुमार ने यह जानकारी थर्ड व्यक्ति से जुड़े होने का दावा करते हुए स्पष्ट किया कि जनसंख्यकीय और बायोमेट्रिक डाटा की गोपनीयता के मद्देनजर जिस निवासी से जानकारी जुड़ी हैं वहीं निवासी जानकारी प्राप्त कर सकता हैं। 

अनिल गलगली के अनुसार स्वयं प्रधानमंत्री और मंत्रियों के 'आधार' कार्ड की जानकारी केंद्र सरकार के पास उपलब्ध होना आवश्यक हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय के पास मंत्रियों के 'आधार' कार्ड की जानकारी न होने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील की ओर उनके ही मंत्रियों ने ठेंगा ही दिखाया हैं, ऐसा गलगली ने कहा हैं।

मंत्र्यांच्या 'आधार' कार्डची माहिती पंतप्रधान कार्यालयाकडे नाही

125 कोटी भारतीयांना 'आधार' कार्ड अनिवार्य करत ती माहिती सर्व सुविधासाठी जोडण्याचे आवाहन करणारे पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या पंतप्रधान कार्यालयाकडे त्यांच्याच मंत्र्यांची 'आधार' कार्डची माहिती नसल्याची बाब माहिती अधिकार कार्यकर्ते अनिल गलगली यांस दिलेल्या माहितीतून समोर आली आहे. एकप्रकारे सर्व मंत्र्यांनी मोदी यांच्या आवाहनास ठेंगाच दाखविला आहे, असे म्हणणे चुकीचे ठरणार नाही.

आरटीआय कार्यकर्ते अनिल गलगली यांनी पंतप्रधान कार्यालयाकडे भारताचे पंतप्रधान सहित मंत्रिमंडळातील सर्व सदस्यांनी आपल्या 'आधार' कार्डची माहिती सादर केली असल्यास त्या मंत्र्यांच्या नावाची यादी मागितली होती. अनिल गलगली यांचा अर्ज मंत्रिमंडळ सचिवालय, लोकसभा सचिवालय, राज्यसभा सचिवालय, माहिती व तंत्रज्ञान मंत्रालय, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण अश्या 5 स्थानी हस्तांतरित केला गेला. 

पंतप्रधान कार्यालयाचे अवर सचिव प्रवीण कुमार यांनी स्पष्ट केले की जरी पंतप्रधान यांसकडे आधार नंबर असला तरी माहितीचा अधिकार अधिनियम, 2005 च्या कलम 8(1) (ञ) माहिती नाकारली गेली.  या कलम नुसार जी माहिती प्रकट करणे हे व्यापक लोकहिताच्या दृष्टीने आवश्यक आहे अशी, यथास्थिति, केंद्रीय जन माहिती अधिकाज्याची, राज्य जन माहिती अधिकाज्याची किंवा अपील प्राधिकाज्याची खात्री पटली असेल, ती खेरीजकरून, जी प्रकट करण्याचा कोणत्याही सार्वजनिक कामकाजाशी किंवा हितसंबंधाशी काहीही संबंध नाही किंवा जी व्यक्तीच्या खाजगी बाबीत आगंतुक हस्तक्षेप करील, अशी वैयक्तिक तपशीलासंबंधातील माहिती. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरणाचे जन माहिती अधिकारी अशोक कुमार यांनी सदर माहिती त्रयस्थ व्यक्तीशी संबंधित असल्याचा दावा करत स्पष्ट केले की जनसंख्यकीय आणि बायोमेट्रिक डाटाची गोपनीयता पहाता केवळ निवासी ज्यांच्याशी माहिती संबंधित आहे तोच माहिती प्राप्त करु शकतो.

अनिल गलगली यांच्या मते स्वतः पंतप्रधान आणि मंत्र्यांच्या 'आधार' कार्डची माहिती केंद्रीय शासनाकडे उपलब्ध असणे आवश्यक आहे. पंतप्रधान कार्यालयाकडे मंत्र्यांची 'आधार' कार्ड माहिती नसल्याने पंतप्रधान नरेंद्र मोदींचा आवाहनाकडे मंत्र्यांनी दुर्लक्ष केल्याचे स्पष्ट होत असल्याची बाब गलगली यांनी नमूद केली.