Monday 16 January 2017

राज्य और जिला सहकारी बैंकों में लेनदेन के दौरान अनियमितता,धांधली और करप्शन की जानकारी नहीं- आरबीआई

नोटबंदी के बाद राज्य और जिला सहकारी बैंकों में अनियमितता,धांधली और करप्शन की जानकारी न होने का खुलासा आरबीआई ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को भेजे हुए जबाब से हो रहा हैं। जबकि मोदी सरकार इन बैंकों में लेनदेन में करंसी बदलने का आरोप करती रही और नई करंसी से इन बैंकों को दूर रखा गया था।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने आरबीआई से यह जानने की कोशिश की थी कि 8 नवंबर से 10 दिसंबर 2016 तक जिन बैंकों से करंसी के लेनदेन में अनियमितता,धांधली और करप्शन पाया गया उनके खिलाफ को गयी कारवाई के तहत बैंक का नाम, शाखा, प्रदेश, आरोप, कारवाई का ब्यौरा की जानकारी दे। अनिल गलगली को भेजे हुए जबाब में केंद्रीय जन सूचना अधिकारी ए. जी.रे ने स्पष्ट किया हैं कि राज्य एवं जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों के बारे में मांगी गई जानकारी उनके पास उपलब्ध नहीं हैं। शहरी सहकारी बैंकों से संबंधित जानकारी दूसरे विभाग द्वारा दी जायेगी। 

14 नवंबर 2016 को आरबीआई ने आदेश जारी कर सभी जिला सहकारी बैंकों की शाखाओं में एक हजार और 500 के नोट बदलने पर रोक लगा दी थी। आरबीआई को इन बैंकों से लगातार गड़बड़ी कर अपने परिचितों के नोट बदलने की शिकायत मिल रही थी. अनिल गलगली ने सवाल किया हैं कि  जब कोई जानकारी आरबीआई के पास नहीं हैं फिर क्यों इन बैंकों पर प्रतिबंध लगाया गया। आरबीआई के इस कदम से किसान और मध्यमवर्गीय जिनका खाता इन बैंकों में था उन्हें परेशानी का सामना करने की नौबत आन पड़ने पर अनिल गलगली ने रोष जताया।

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