Thursday 27 October 2016

हेमा मालिनी ने डांस अकादमी के लिए नहीं ली जमीन



अभिनेत्री से राजनेता बनी हेमा मालिनी ने नृत्य अकादमी खोलने के लिए आवंटित की गई जमीन को ठुकरा दिया है. इस मामले की पोल सबसे पहले आरटीआई से आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने उजागर की थी।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सबसे पहले इस मामले का खुलासा करते हुए आरोप लगाया था कि अभिनेत्री को अकादमी खोलने के लिए बहुत ही कम दाम पर जमीन उपलब्ध कराई गई थी.  गार्डन की जमीन पर डांस अकादमी खोलने के लिए रु 1.75 लाख का रेट तय किया गया था जबकि जमीन की मौजूदा किंमत 70 करोड़ हैं। गलगली की आरटीआई के बाद विपक्ष ने इस डील की बराबरी रॉबर्ट वरडा की जमीन डील के समान करार देते हुए बीजेपी पर हमला बोल दिया था।

सरकार की बात पर ध्यान देते हुए, मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर की अध्यक्षता वाली पीठ ने आवंटित भूमि को चुनौती देने वाले जनहित याचिका का निपटारा किया. पूर्व पत्रकार केतन तिरोड़कर द्वारा डाली गई याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि सरकारी वकील प्रियभूषण काकडे के बयान को ध्यान में रखते हुए इस याचिका में कुछ नहीं बचा है. हालांकि न्यायाधीशों ने याचिकाकर्ता को इस बात की छूट दी है कि अगर भविष्य में जमीन से संबंधित कोई नई बात पता चलती है तो वह नई याचिका डाल सकते हैं.


भाजपा सरकार जब डबल मेहरबान होगी तो क्या हो सकता है और क्या नहीं ? इसका ज्वलंत अनुभव ओशिवारा स्थित 2000 वर्ग मीटर का भूखंड वितरण  प्रक्रिया से आसानीे से आता हैं। भाजपा सांसद और प्रख्यात अभिनेत्री हेमा मालिनी के नाटय विहार केंद्र की सिर्फ 1.75 लाख में (87.5 रु वर्ग मीटर रेट से) करोड़ों का भूखंड बहाल होने की जानकारी आरटीआई से आरटीआई अनिल गलगली ने सार्वजनिक की। मुंबई उपनगर जिलाधिकारी कार्यालय ने हेमा मालिनी को दिए जानेवाले भूखंड के तहत दी गई जानकारी चौकानेवाली हैं। हाल ही में जो भूखंड अंधेरी तालुका स्थित आंबिवली में दी गई जमीन गार्डन के लिए आरक्षित है उस जमीन को हेमा मालिनी की संस्था को सिर्फ रु 87.5/- प्रति वर्ग मीटर के रेट से देकर भूखंड की खैरात की गई थी । वर्ष 2016 में सरकार ने दिनांक 1/2/1976 के मुल्यांकन का आधार लिया है जो उसवक्त प्रति वर्ग मीटर का रेट रु 350 /- इतना था। हेमा मालिनी को उसी रेट के 25 प्रतिशत यानी सिर्फ रु 87.5 /- इतनी ही रकम अदा करनी होगी। इसके पहले हेमा मालिनी की संस्था को अंधेरी तालुका के वर्सोवा का भूखंड दिनांक 4/4/1997 को दिया गया था उसवक्त संस्था ने रु 10 लाख अदा किए थे लेकिन इसमें से कुछ हिस्सा ये सीआरझेड से प्रभावित होने से हेमा मालिनी ने किसी भी तरह का निर्माण काम किया नही। साथ ही में आज तक कुल प्रोजेक्ट खर्च की 25 प्रतिशत रकम भी इकठ्ठा नही करने के बाद भी भाजपा सरकार ने इस ओर ध्यान दिया नही और हेमा मालिनी की संस्था को वैकल्पिक भूखंड का वितरण कर ही किया।  हेमा मालिनी के नाट्य विहार केंद्र ने इसके पहले 10 लाख अदा किया था। नया मूल्यांकन ध्यान में रखते हुए  2000 वर्ग मीटर भूखंड की किंमत 1.75 लाख इतनी हो रही हैं।

वर्सोवा स्थित भूखंड की वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग हेमा मालिनी की नाटय विहार केंद्र ने दिनांक 6/7/2007 को सरकार से कर आरक्षित क्षेत्र में से 2000 वर्ग मीटर जगह नाटय विहार केंद्र कोबप्रदान कर शेष जगह पर प्रस्तावित गार्डन का विकास उनके ट्रस्ट द्वारा करने की मांग की थी। इस प्रस्ताव को सरकार ने दिनांक 30/7/2010 को मंजूर भी किया। सरकार ने संस्था से कुछ मामलों की जानकारी मांगने पर संस्था ने उसकी पूर्ती आज तक नही की हैं।

अंधेरी के आंबिवली स्थित सर्वे क्रमांक 109 A/1, नगर भुमापन क्रमांक 3 के क्षेत्र 29360.50 वर्ग मीटर जमीन गार्डन के लिए आरक्षित रखे क्षेत्र में से 2000 वर्ग मीटर देने का आदेश सरकार के उपसचिव माधव काले ने दिनांक 23 दिसंबर 2015 को जारी किया।  राजस्व विभाग के प्रधान सचिव ने दिनांक 19 दिसंबर 2015 को उनकी अध्यक्षता में बैठक आयोजित की थी। उस बैठक के बाद सरकारी चक्र घुमने लगे और सिर्फ रु 1.75/-  लाख में करोड़ों का भूखंड हेमा मालिनी की संस्था नाटय विहार केंद्र को बहाल करने को मंजूरी दी। मुंबई उपनगर जिलाधिकारी कार्यालय ने दिनांक 15/1/2016 को पत्र भेजकर पुनश्च कुछ दस्तावेज और मामलों की पूर्ती करने की सूचना सांसद सदस्य हेमा मालिनी को भेजे हुए पत्र में की हैं। दिनांक 14/8/2015 को हेमा मालिनी स्वयं भूखंड के स्थान पर उपस्थित थी और उसके बाद ही उनके संस्था को भूखंड सरकार को मंजूरी दी।

अनिल गलगली इस बात से खुश हैं कि उनकी आरटीआई से किसी व्यक्ति विशेष को मदद करने की गलत नीतियों का पर्दाफाश हुआ और खुद हेमा मालिनी को शायद आत्मग्लानी हुई होगी सो जमीन लेने से इंकार किया।

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