Tuesday 29 March 2016

सरकारी अधिकारियों पर लाखों का किराया बकाया

सेवानिवृत्ती और तबादले के बाद भी सरकारी बिल्डिगों में अवैध तरीके से निवास करनेवाले 12 वर्तमान और भूतपूर्व अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ में सक्षम प्राधिकारी के कोर्ट में दावा दायर करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ते अनिल गलगली को सार्वजनिक निर्माण विभाग ने दी हैं। 65 लाख की वसूली और निष्कासन की लिस्ट में जिन अधिकारियों के नाम हैं उनमें डॉ अश्विनी जोशी, कमलाकर फंड, अनिल सोनटक्के, प्रकाश राठोड, पी के जैन शामिल हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सामान्य प्रशासन विभाग से सरकारी बिल्डिंग में अवैध तरीके से रहनेवाले अधिकारी और कर्मचारियों की जानकारी मांगने पर गलगली का आवेदन सार्वजनिक निर्माण विभाग के पास हस्तांतरित किया गया। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने अनिल गलगली को सरकारी बिल्डिंग में अवैध तरीके से रहनेवाले 12 वर्तमान और भूतपूर्व अधिकारी और कर्मचारियों की लिस्ट दी जिनपर जुर्माने के रेट से किराए की रकम 64 लाख 90 हजार 732 रुपए इतनी हैं। इस लिस्ट में 5 अधिकारियों ने तबादला होने के बाद सरकारी क्वार्टरस छोड़ा नहीं उनमें ठाणे जिलाधिकारी डॉ अश्विनी जोशी जो 17 दिसंबर 2014 से अब तक तबादले के बाद केदार-2 में अवैध तरीके से रह रही हैं जिनपर रु 3,06,838/- इतनी रकम बकाया हैं।ठाणे की ही अन्य अधिकारी कमलाकर फंड पर 18,47,109 रुपए ,अविनाश झाडे पर 4,22,160 रुपए, कामगार न्यायालय के न्यायाधीस अनिल सोनटक्के पर 1,11,808 रुपए, धनाजी तोरस्कर पर 5,05,687 रुपए, प्रकाश कुमार राहुले पर 2,43,740 रुपए, भूतपूर्व अतिरिक्त न्यायाधीस प्रकाश राठोड पर 10,59,689 रुपए, भूतपूर्व न्यायाधीस पंकज शाह पर 3,22,665 रुपए, सफाई कामगार तारामती पालये पर 48,000 रुपए, काशीनाथ जाधव पर 2,46,000 रुपए, पेशे से कारपेंटर वसंत पांचाल पर 3,96,000 रुपए इतनी रकम बकाया हैं। महाराष्ट्र राज्य पुलिस विजलेंस कमिटी के सदस्य प्रेमकुमार जैन जो भूतपूर्व गृह विभाग के प्रधान सचिव थे उनसे 9, 81, 036 रुपए आना शेष हैं। जैन ने बकाया दंड राशि अदा तो नहीं की उल्टे दिवाणी न्यायालय में राज्य सरकार को हीआरोपी के पिंजरे में खड़ा किया। ऐसे बकाएदार को दंडित करने के बजाय राज्य सरकार ने विजलेंस कमिटी पर उन्हें नामित करते हुए अभयदान दिया। अनिल गलगली के अनुसार जो सरकारी सेवा में हैं उनपर तत्काल कारवाई कर बकाया धनराशि उनके वेतन से वसूली जाए और जो सेवा में नहीं है उनके पेंशन से बकाया धनराशि वसूली जानी चाहिए।

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