Saturday 19 March 2016

भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह का सदस्यत्व खतरे में

लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान सरकारी देनदारी की जानकारी छिपाते हुए उसे अदा न करने से भाजपा के सांसद और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह का संसद सदस्यता खतरे में आ गई हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने लोकसभा अध्यक्ष, प्रधानमंत्री और चुनाव आयोग के पास लिखित शिकायत कर सत्यपाल सिंह का संसद सदस्यत्व रद्द करने की मांग की हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने लोकसभा अध्यक्ष, प्रधानमंत्री और चुनाव आयोग के पास किए गए शिकायत में सांसद सत्यपाल सिंह ने कैसे जनता और चुनाव आयोग को उल्लू बनाया हैं ? इसकी विस्तृत जानकारी दी हैं। चुनाव आयोग ने जारी किए हैण्ड बुक में उम्मीदवारों को जिन 5 चीजों का ब्यौरा देने को आदेशित किया था उसमें अपराधिक मामले, प्रलंबित मामले, संपत्ति, देनदारी और शैक्षणिक योग्यता का समावेश हैं। इसमें के नियम क्रमांक 3 के अनुक्रमांक 4 में सरकारी वित्तीय संस्थान और सरकारी बकाया की देनदारी का ब्यौरा शामिल हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2 मई 2002 को एसोसिएशन ऑफ़ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की याचिका पर आदेश जारी किया था। सत्यपाल सिंह ने सरकारी बकाया देनदारी की जानकारी उम्मीदवारी अर्जी पेश करने के दौरान सार्वजनिक नही की थी। मुंबई के पाटलीपुत्र सहकारी गृहनिर्माण संस्था में स्थित फ्लैट सत्यपाल सिंह ने किराए पर तो दिया लेकिन आज तक रु 48,420/- इतनी जुर्माना की रकम अदा नही की और सरकारी बकाया देनदारी की जानकारी को उम्मीदवारी अर्जी पेश करने के दौरान सार्वजनिक नही किया। असल में 10 वर्षों से फ्लैट को किराए पर देकर नियमों का उल्लंघन तो किया और फ्लैट को बिना अनुमति किराए पर देकर लाखों रुपए की कमाई भी की। सत्यपाल के ही फ्लैट में ही 2 जून 2014 को सेक्स रैकेट का भांडाफोड़ हुआ था। अनिल गलगली की शिकायत के बाद सत्यपाल सिंह संकट में आ गए है और उनकी संसद की सदस्यता रद्द होने के मार्ग पर हैं।

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