Tuesday 2 February 2016

वर्सोवा भूखंड के मैन्ग्रोज काटने का हेमा मालिनी का प्रताप

भाजपा सरकार ने भाजपा सांसद हेमा मालिनी को कौड़ियों के दाम पर करोड़ों का भूखंड देने का मामला चर्चित है वही वर्सोवा स्थित भूखंड पर फैले मैन्ग्रोज काटकर कोस्टल रेगुलेशन झोन के प्रावधान का उल्लंघन हेमा मालिनी ने करने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को प्राप्त दस्तावेजों से हो रही हैं। उल्लंघन की नोटीस भी हेमा मालिनी को जिलाधिकारी ने भेजी थी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई उपनगर जिलाधिकारी कार्यालय से हेमा मालिनी के नाटय संस्था को दिए जानेवाले भूखंड की जानकारी मांगी थी। मुंबई उपनगर जिलाधिकारी कार्यालय ने हेमा मालिनी को दिए जानेवाले भूखंड के तहत दी हुई जानकारी चौक्कानेवाली हैं। वर्तमान में जो भूखंड अंधेरी तालुका के आंबिवली में दिया हैं उसके पहले उन्हें वर्सोवा के सर्वे नंबर 161 समीप की खाडी जमीन का अभिन्यास में क्र.1 में का 1741.89 वर्ग मीटर क्षेत्र का एक भूखंड क्र.7 का एडवांस कब्जा दिनांक 4/4/1997 को दिया गया और संस्था ने रु 10 लाख अदा भी किए। लेकिन हेमा मालिनी ने दिनांक 6 एप्रिल 1994 को पेश किए हुए प्रोजेक्ट रिपोर्ट में भूखंड का क्षेत्र 50,000 वर्ग मीटर बताया था। साथ ही सांताक्रुज स्थित समता सहकारी बैंक में रु 22.50 लाख का बैलेंस होने का प्रमाणपत्र पेश किया था। प्रोजेक्ट खर्च रु 3.70 करोड़ होने का दावा किया था। मुंबई उपनगर जिलाधिकारी ने दिनांक 28/8/1998 को हेमा मालिनी को नोटीस भेजी थी। इस नोटीस में कोस्टल रेगुलेशन जोन के प्रावधान का उल्लंघन करने से ट्रस्ट को भूखंड मंजूर करने के लिए सरकार ने जारी किया उद्देश्य पत्र रद्द करने के लिए सरकार को क्यों नही बताया जाए? ऐसा दम भरा था। मुंबई उपनगर जिलाधिकारी ने दिनांक 28/8/1998 को हेमा मालिनी को भेजे हुए नोटीस में 3 मामलों को गंभीर माना था। इसमें मंजूर क्षेत्र और प्रोजेक्ट रिपोर्ट में बताया हुआ क्षेत्र में बड़ा अंतर होने का उल्लेख किया था। पूरा प्रोजेक्ट पर आनेवाला खर्च को वास्तुविशारद के हस्ताक्षर वाला प्रोजेक्ट रिपोर्ट पेश करते हुए पुरे प्रोजेक्ट खर्च की 25% रकम जमा होने का सबूत और शेष 75% रकम किस मार्ग से उपलब्ध करेंगे इसका ब्यौरा देने की मांग की थी। इसमें सबसे महत्त्वपूर्ण आपत्ती यह मैन्ग्रोज को काटने का आरोप था। पत्र कम नोटीस में स्पष्ट किया था कि भुखंड का एडवांस कब्जा देने के दौरान बताया गया था कि कोस्टल रेगुलेशन जोन के प्रावधान का उल्लंघन नहीं करे। तथापि तहसीलदार अंधेरी ने पेश किए हुए रिपोर्ट से दिख रहा है कि जमीन पर मौजूद मैन्ग्रोज को काटकर कोस्टल रेगुलेशन जोन के प्रावधान का उल्लंघन किया गया हैं। 10 दिन में स्पष्टीकरण देने का मौका देकर ना कोई कारवाई की गई ना कोई स्पष्टीकरण प्राप्त हुआ। यह सच्चाई होते हुए राज्य सरकार के मंत्री ने वैकल्पिक भूखंड देने के दौरान इसे नजरअंदाज किया और राजस्व विभाग केे प्रधान सचिव ने भी पूर्व इतिहास का अध्ययन किया नहीं, ऐसा आरोप कर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि मैन्ग्रोज को काटनेवालों पर तत्कालीन सरकार ने भूखंड वापस लेने की कारवाई किए बिना मामले को प्रलंबित रखा और नई भाजपा सरकार ने 1976 के मुल्यांकन का गैरइस्तेमाल करते हुए सिर्फ रु 70,000 में आंबिवली स्थित गार्डन की जमीन पर 2000 वर्ग मीटर की जमीन बहाल करने के प्रयास में हैं।

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