Thursday 21 January 2016

महाराष्ट्र सरकार ने दाल और तेल जमाखोरों की जब्ती का 70 प्रतिशत माल लौटाया

महाराष्ट्र में अरहर दाल के दाम आसमान छूते ही राज्य सरकार ने छापामारी की और थोड़ी बहुत नही बल्कि 539.50 करोड़ किंमत की दाल और तेल जब्त की थी। लेकिन 5592 छापामारी में जब्त की हुए माल में से 70 प्रतिशत माल वापस लौटाने का उदारपणा भाजपा सरकार ने दिखाने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने राज्य सरकार ने दी हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सरकार से दाल और तेल जमाखोरों से जब्त स्टॉक, किंमत, लौटाया हुआ स्टॉक, शेष स्टॉक और दर्ज एफआईआर की जानकारी मांगी थी। पहले तो जानकारी नही देने पर अनिल गलगली ने प्रथम अपील दायर करने के बाद खाद्य आपूर्ति और ग्राहक संरक्षण विभाग के उप सचिव स. श्री. सुपे ने सभी जानकारी देने का आदेश अपील सुनवाई में दिया। राज्य के 7 प्रादेशिक विभाग में 5592 स्थानों पर छापा मारकर गोडाऊन निरिक्षण किया गया उसमें दाल, तेल और तेल बीज ऐसी जीवनावश्यक वस्तु जब्त की गयी। दाल, तेल और तेल बीज ऐसा1,23,028.389 मेट्रिक टन स्टॉक जब्त किया गया। उसमें से 85,547.781 मेट्रिक टन स्टॉक लौटाया गया और अब 37,480.608 मेट्रिक टन स्टॉक शेष हैं महाराष्ट्र राज्य की छापामारी में सबसे ज्यादा स्टॉक मुंबई और ठाणे में जब्त किया गया। कुल 59,731.884 मेट्रिक टन स्टॉक जब्त किया गया उसमें से 56,574.846 मेट्रिक टन स्टॉक लौटाया गया और अब सिर्फ 3,157.038 मेट्रिक टन स्टॉक शेष हैं। नागपुर विभाग में 7,255.520 मेट्रिक टन में से 4,939.250 मेट्रिक टन स्टॉक शेष हैं। 2,316.270 मेट्रिक टन स्टॉक लौटाया हैं। कोकण विभाग में 52,747.260 मेट्रिक टन स्टॉक जब्त किया गया उसमें से 29,384.329 मेट्रिक टन स्टॉक को छोड़कर 23,362.940 मेट्रिक टन स्टॉक वापस लौटाया हैं। औरंगाबाद,अमरावती,पुणे और नासिक में बड़े पैमाने पर स्टॉक जब्त करने के बावजूद सरकार ने शत प्रतिशत स्टॉक लौटाया हैं। अमरावती में 1,860.000 मेट्रिक टन स्टॉक जब्त किया वही औरंगाबाद में 1,110.470 मेट्रिक टन, पुणे में 144.989 मेट्रिक टन और नासिक में 181.666 मेट्रिक टन स्टॉक जब्त किया गया था। लेकिन पूरा का पूरा स्टॉक वापस लौटाया गया हैं। अनिल गलगली ने संपूर्ण व्यवस्था और कार्यवाही पर आशंका जताते हुए सवाल खड़ा किया हैं कि 70 प्रतिशत स्टॉक वापस क्यों लौटाया हैं? उसकी जांच कर वस्तुनिष्ठ और सही रिपोर्ट सरकार सार्वजनिक करे। जिस तरीके से कारवाई पर सरकार ने बवाल मचाया था उतने ही तेजी से जमाखोरों अभय देकर स्टॉक वापस लौटाने की सरकारी उदारता कई सवालों को जन्म दे रही हैं।

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