Tuesday 8 December 2015

मुंबई में 204 अवैध निजी स्कूल

मुंबई महानगरपालिका अधिकार क्षेत्र में वर्तमान में 204 अवैध निजी स्कूल हैं जिसमें सर्वाधिक 36 अवैध निजी स्कूल एम पश्चिम वार्ड कार्यालय में होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को शिक्षा विभाग ने दी हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने स्कूली शिक्षा शालेय विभाग से अवैध निजी स्कूल की जानकारी दिनांक 25 जून 2015 को मांगी थी। निजी प्राथमिक स्कूल विभाग के उपशिक्षाधिकारी प्रकाश च-हाटे ने अनिल गलगली को 204 अवैध निजी स्कूलों की लिस्ट दी हैं। इस लिस्ट में सर्वाधिक 36 अवैध निजी स्कूल एम पश्चिम वार्ड कार्यालय में हैं। उसके बाद 30 कुर्ला एल वार्ड , 20 पी उत्तर वार्ड , 12 घाटकोपर एन वार्ड , 12 चेंबूर एम पूर्व वार्ड ,10 माटुंगा एफ उत्तर वार्ड , 10 अंधेरी के पूर्व वार्ड , 10 आर मध्य वार्ड , 10 आर उत्तर वार्ड , 9 आर दक्षिण वार्ड , 9 भांडुप एस वार्ड , 8 पी दक्षिण वार्ड , 8 जी उत्तर वार्ड , 5 भायखला ई वार्ड , 5 अंधेरी के पश्चिम वार्ड , 3 बी वार्ड , 2 मुलुंड टी वार्ड, 2 एफ दक्षिण वार्ड , 1 ए वार्ड, 1 एच पूर्व और 1 डी वार्ड कार्यालय में अवैध निजी स्कूल हैं। अवैध निजी स्कूल पर की गई कारवाई की जानकारी मांगने पर अनिल गलगली को बताया कि शिक्षा अधिकारी कानून के प्रावधाननुसार स्कूल के खिलाफ कारवाई करते समय 'बालकों को मुफ्त और सख्ती का शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में धारा 18(5) नुसार रु 1,00,000/- इतना जुर्माना और सूचना देने के बाद भी स्कूल बंद न करने पर रु 10,000/- प्रति दिन इतना जुर्माना लगाने का प्रावधान हैं। उसके अनुसार स्कूल को नोटीस दी गई हैं। अवैध निजी स्कूल पर की गई कारवाई कर जुर्माना लगाने के बाद वसूल करने की जुर्माना की रकम किस हेड के तहत जमा करे इस मामले में 'बालकों को मुफ्त और सख्ती का शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009' अधिकार नियम में तथा उस के अंतर्गत अब तक शासन स्तर पर निर्गमित किए गए शासन पत्र में/ शासन निर्णय में कोई भाष्य या सूचना नही हैं। जुर्माने की किस प्राधिकरण के यहां एवमं किस बजेट हेड के तहत जमा करे इसबाबत प्रावधान न होने से इसे लेकर सरकार से पत्रव्यवहार किया हैं तथापि सरकार से इस मामले में अब तक कोई निदेश प्राप्त नही हुआ हैं। अनिल गलगली के अनुसार यह जुर्माना वसूल करते वक्त इसतरह चलनेवाले अवैध निजी स्कूल निदेशकों पर एफआईआर दर्ज करना आवश्यक हैं। सरकारी निर्णय अस्पष्ट होने से 2 करोड़ से अधिक जुर्माना राशि वसूल नहीं हो पाई हैं, यह बाब अस्पष्ट और अधुरा सरकारी निर्णय निकालनेवाले अधिकारियों पर कारवाई कर सरकारी निर्णय सुस्पष्ट जारी करने की मांग मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भेजे हुए पत्र में अनिल गलगली ने की हैं।

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