Thursday 1 October 2015

देशद्रोही याकूब मेमन पर किए गए खर्च की जानकारी भाजपा सरकार ने की ब्लॉक

पुरे विश्व का ध्यान जिस देशद्रोही याकूब मेमन की फांसी पर था उसपर किए गए कुल खर्च की जानकारी भाजपा सरकार ने ब्लाक करते हुए उस खर्च की कुल रकम की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को देने से इनकार किया हैं। महाराष्ट्र के गृह विभाग ने ये जानकारी प्रकट होने से देश की सार्वभौमत्व एवमं एकता और सुरक्षा बाधित होगी, ऐसा अजीबों गरीब दावा किया हैं। कांग्रेस सरकार ने आतंकवादी मोहम्मद कसाब की जानकारी सार्वजनिक की थी और अब भाजपा सरकार याकूब पर हुआ खर्च छिपाने से मनमोहन 2 मोदी सरकार में सूचना का अधिकार की होनेवाली ऐसी तैसी साफ़ दिख रही हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने महाराष्ट्र सरकार से देशद्रोही याकूब मेमन को गिरफ्तार करने से लेकर फांसी देने तक किए गए कुल खर्च की जानकारी मांगी थी। गृह विभाग के जन सूचना अधिकारी और कक्ष अधिकारी दीपक जडीये ने अनिल गलगली को बताया कि मृत्यूदंड शिक्षा बंदी याकूब मेमन से जुड़ी हुई जानकारी महाराष्ट्र सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 8(1)(क) के तहत देने से मना किया। इस नियम के तहत जानकारी प्रकट करने से भारत की सार्वभौमत्व एवमं एकता और सुरक्षा बाधित होगी, ऐसी व्याख्या की हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इस आदेश के खिलाफ उप सचिव ज.ल. पावरा के पाद अपील की हैं। खर्च की जानकारी सार्वजनिक करने से देश की सार्वभौमत्व एवमं एकता और सुरक्षा बाधित होगी, ये दावा अजीबों गरीब होने की बात कहते हुए अनिल गलगली का कहना है कि कांग्रेस के राज में कसाब की जानकारी गृह विभाग ने वर्ष 2012 में  सार्वजनिक की थी और अब भाजपा सरकार याकूब मेमन की जानकारी क्यों छिपा रही हैं, इस पर आश्चर्य हो रहा हैं।  मनमोहन 2 मोदी  इस 3 वर्ष के दौरान सूचना का अधिकार की व्याख्या राजनीतिक सुविधा के मुताबिक तय हो रही है और जनता के टैक्स का पैसा देशद्रोहियों पर खर्च होते हुए उसकी जानकारी सार्वजनिक नही करना, ये बात सरकार की पारदर्शकता की पोल खोल रही हैं, ये कहते हुए अनिल गलगली यह जानकारी सार्वजनिक करने की अपील मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से की हैं। कसाब की जानकारी कांग्रेस ने सार्वजनिक की थी मुंबई के 26/11 हमले का पाकिस्तान का पकड़ा गया जिंदा आतंकवादी मोहम्मद अजमल कसाब को 21 नवंबर 2012 की सुबह फांसी पर लटकाने के बाद उसके दफनविधी पर कुल 9 हजार 573 रुपए का खर्च आया।  वही मुंबई पुलिस ने 26 नवंबर 2008 की देर रात को गिरगाव चौपाटी के समीप गिरफ्तार करने से लेकर फासी देने तक (21 नवंबर 2012) चार वर्ष के दौरान कसाब पर राज्य सरकार का करीब 28 करोड़ 50 लाख रुपए खर्च होने की जानकारी अनिल गलगली को उसवक्त दी गई थी। कसाब का खाना,उसकी सुरक्षा, वैद्यकीय खर्च और कपडा के अलावा उसकी सुरक्षा के लिए किए गए कंस्ट्रक्शन पर हुआ खर्च और दफनविधी का खर्च की जानकारी दी गई थी।  उसमें राज्य पुलिस द्वारा मुवैय्या किए गए सुरक्षा पर डेढ़ करोड़ का खर्च हुआ वही केंद्र सरकार द्वारा मुवैय्या किए गए इंडो-तिबेट सीमा पुलिस दल की (आयटीबीपी) सुरक्षा पर  21 करोड़ 68 लाख रुपए का खर्च होने की बात स्पष्ट हुई हैं। कसाब को गिरफ्तार किया गया उस दिन उसके खाने पर 125 रुपए खर्च आया और फांसी पर लटकाने के पहले कसाब ने खाये हुए खाने पर सिर्फ 33 रुपए खर्च होने की बात स्पष्ट हुई हैं।

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