Friday 11 September 2015

प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम से एक दिन के संदेश पर खर्च किया 8.30 करोड़

26 मई 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम से जारी किए हुए एक दिन का संदेश का खर्चा करोड़ों में हुआ हैं. इस संदेश के लिए हुआ खर्च 8.30 करोड़ होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने दी हैं। पहले 'मन की बात' इस कार्यक्रम पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए और अब दुसरी बार देश में पहली बार इसतरह का राष्ट्र के नाम पर नया संदेश 26 मई 2015 को जारी किया गया। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इस मामले में सूचना और प्रसारण मंत्रालय से 26 मई 2015 को आवेदन कर विभिन्न जानकारी मांगने पर एडवरटाइजिंग एंड विसुअल पब्लिसिटी के उप निदेशक नितेश झा ने खर्च की हुई रकम और सही जानकारी नही दी। इसके विरोध में गलगली ने दायर अपील आवेदन को एडवरटाइजिंग एंड विसुअल पब्लिसिटी के निदेशक रवि रामा कृष्णा ने गंभीरता से लिया। कृष्णा ने 14 चरणों में कुल जारी किए हुए 4094 विज्ञापनों पर 8 करोड़ 29 लाख 36 हजार 620 रुपए खर्च होने की जानकारी दी हैं। इस विज्ञापन को बनाने का काम किस कंपनी को दिया हैं और उसपर हुए खर्च की जानकारी अनिल गलगली ने पूछने पर कृष्णा ने स्पष्ट किया है कि ये विज्ञापन एडवरटाइजिंग एंड विसुअल पब्लिसिटी की हैं। राष्ट्र के नाम संदेश देने का नियम और किस किस दिवस पर ऐसा संदेश देने का नियम हैं। ऐसी जानकारी गलगली ने पूछने पर कृष्णा ने बताया कि सक्षम अधिकारी द्वारा प्रसंग, महत्त्व और आवश्यकता के अनुसार निर्णय लिया जाता हैं। राष्ट्र के नाम पर संदेश देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जारी किए हुए आदेश एवमं निर्देश की कॉपी मांगने पर कृष्णा ने भारत सरकार (कार्य आबंटन) नियम के अनुसार ये विज्ञापन जारी करने के लिए एडवरटाइजिंग एंड विसुअल पब्लिसिटी ये सक्षम प्राधिकरण हैं। सरकारी विज्ञापन का दाम ये आम लोगों के विज्ञापनों की तुलना में न के बराबर हैं। इतनी बड़ी रकम खर्च की गई और उसका कोई भी लाभ आम लोगों को नही मिलने की प्रतिक्रिया अनिल गलगली ने व्यक्त की हैं।

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