Tuesday 24 February 2015

मेट्रो की किराया कमिटी पर मुख्यमंत्री का झूठ

मुंबई मेट्रो की किराया वृद्धि रोकने के लिए 'फेअर फिक्सेशन कमिटी' गठित होने का मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा किया गया ट्विटर दावा फर्जी साबित हुआ है क्योंकि अब तक मेट्रो  'फेअर फिक्सेशन कमिटी' गठित होने का किसी भी प्रकार का आदेश जारी न होने का कबूलनामा केंद्र सरकार ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली से किया है. केंद्र सरकार की मेट्रो 'फेअर फिक्सेशन कमिटी' कागज पर ही होने से अपरोक्ष तौर पर शक्तिशाली उद्योगपति अनिल अंबानी की मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को  मदत किए जाने की बात स्पष्ट हो रही है.

जनवरी 2015 को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्विटर पर किए दावे के अनुसार शहरी विकास मंत्री वेंकय्या नायडु के साथ बैठक होने की बात कही थी. फडणवीस ने जस्टिस ई पद्मनाभन की अगुवाई में 'फेअर फिक्सेशन कमिटी' का गठन होने पर खुशी जताते हुए मेट्रो का किराया कम करने का अनुरोध न्यायालय में किए जाने की बात कही थी. इसी मुद्दे को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने वेंकय्या नायडु के साथ हुई बैठक की मिनट्स कॉपी और केंद्र सरकार द्वारा दिनांक 23 जनवरी 2014 को 'फेअर फिक्सेशन कमिटी' को लेकर जानकारी मांगते हुए सुबोध कुमार के नाम का विरोध होने के पीछे का प्रमुख कारण तथा उनकी नेगेटिव रिपोर्ट की कॉपी मांगी थी. 'फेअर फिक्सेशन कमिटी' गठित करने में हुई देरी और अपरोक्ष तौर पर अनिल अंबानी की रिलायंस की मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को चाहिए वैसा किराया वसूल करने के लिए शहरी विकास मंत्रालय मदत तो नही कर रहा है ना? ऐसी जानकारी मांगने पर मास रैपिड ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम-I (MRTS) के निदेशक और केंद्रीय जन सुचना अधिकारी प्रकाश सिंह ने अनिल गलगली को उसबाबत किसी भी तरह की जानकारी मास रैपिड ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम-I (MRTS) के रेकॉर्ड पर न होने  की बात कही. वही 'फेअर फिक्सेशन कमिटी' गठित किए जाने की तारीख मांगने पर प्रकाश सिंह ने 'फेअर फिक्सेशन कमिटी' गठित करने का आदेश अबतक  जारी न होने का दावा किया.

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इसे मुंबईकरों के साथ किया गया शत प्रतिशत फ्रॉड बताया. आज 43 दिन होने के बाद भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा किया गया दावा असल में अमल नही किया गया है. आम लोग इससे परेशान है और मेट्रो से यात्रा करनेवालों के अच्छे दिन आए नही है. आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मेट्रो की 'फेअर फिक्सेशन कमिटी' गठित करने का आदेश जारी करने की मांग करते हुए 'मेट्रो एक्ट' के बजाय पुराना ट्रॉमवेज एक्ट कार्यानिव्त करने की मांग वाला पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा है.

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